रुखों के चाँद लबों के गुलाब माँगे है, बदन की प्यास बदन की शरा | 💕Relationship💕
रुखों के चाँद लबों के गुलाब माँगे है, बदन की प्यास बदन की शराब माँगे है. मैं कितने लम्हे न जाने कहाँ गँवा आया, तेरी निगाह तो सारा हिसाब माँगे है। मैं किस से पूछने जाऊं कि आज हर कोई, मेरे सवाल का मुझसे जवाब माँगे है। दिल-ए-तबाह का यह हौसला भी क्या कम है, हर एक दर्द से जीने की ताब माँगे है। बजा कि वज़ा-ए-हया भी है एक चीज़ मगर, निशात-ए-दिल तुझे बे-हिजाब माँगे है...
Best picture.... Some best Shayari....♥. @Relationship_suggestion_bot. Feel free to contact us for relationship advice. आपके दिल के एहसास हमारी शायरी ...